जैसा कि हम जानते हैं, आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जिसमें औषधियां और दर्शन दोनों का अद्भुत मिश्रण है। 5000 साल से अधिक पुराने इतिहास में इसने लोगों के शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक विकास में बहुत योगदान दिया है। आयुर्वेद संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है जीवन और दीर्घायु का ज्ञान।
“प्रयोजनं चास्य स्वस्थ्यस्य स्वास्थ्यरक्षणं
आतुरस्य विकार प्रशमनं च।।”
(चरक संहिता, सूत्र स्थान ३०/२६)
चरक संहिता के इस सूत्र के अनुसार आयुर्वेद के दो उद्देश्य है
१. स्वस्थ व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना।
२. रोगी व्यक्तियों के विकारों को दूर कर उन्हें स्वस्थ बनाना।
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों के अनुसार यह देवताओं की चिकित्सा पद्धति है जिस के ज्ञान को मानव कल्याण के लिए निवेदन किए जाने पर देवताओं द्वारा धरती के महान आचार्यों को दिया गया। इस शास्त्र के आदि आचार्य अश्विनी कुमार माने जाते हैं। अश्विनी कुमार, धनवंतरी, नकुल, सहदेव, अर्कि, च्यवन, जनक, अगस्त्य, अत्रि, सुश्रुत, चरक आदि आयुर्वेद के आचार्य हैं। आचार्य चरक ने शरीर को रथ की उपमा दी है और कहा है कि प्रत्येक मनुष्य को स्वयं इस रथ के सारथी बनकर इसकी देखभाल करनी होगी।
सुश्री प्रीति अज्ञात जी एवं नीरजा भटनागर जी द्वारा संचालित “कर्मभूमि- अहमदाबाद” के पटल पर दि.१७/११/२०२१ के दिन
“एक परिचर्चा-आयुर्वेद, स्त्री संदर्भ में” विषय पर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं आमंत्रित वक्ता के रूप में अहमदाबाद की प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक, लेखिका एवं अनुवादक सुश्री युवा अय्यर जी ने आयुर्वेद एवं स्त्री रोग और स्वास्थ्य के विषय में विस्तृत और जानकारी पूर्ण चर्चा की।
महिलाएं हमेशा से अपने से ज्यादा घर परिवार पर अधिक समय देती है और यही कारण है कि वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती है और उन्हें उम्र के एक पड़ाव के पश्चात कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसके शरीर में इस दौरान कई प्रकार के शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं और कई बीमारियों को पाल लेती हैं। इससे बचने के लिए प्रत्येक स्त्री के लिए जरूरी है व्यायाम, पौष्टिक खानपान, सही दिनचर्या एवं पारिवारिक सहयोग।
डॉ.युवा अय्यर जी ने अलग-अलग विषयों पर चर्चा करते हुए रोग, उनके होने के कारण और उनकी सरल एवं घरेलू चिकित्सा के बारे में काफी जानकारियां दी। कार्यक्रम के अंत में श्रोताओं के प्रश्नों का संतुष्टि पूर्ण निराकरण भी हुआ।
इस महत्वपूर्ण चर्चा के संचालन का दायित्व कर्मभूमि टीम द्वारा मुझे सौंपा गया जिसकी मैं आभारी हूं।
डॉ. युवा अय्यर जी ने स्त्री स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी और अपना अमूल्य समय दिया जिसके लिए कर्मभूमि की समग्र टीम हृदय से उनकी आभारी है।
https://www.youtube.com/watch?v=oVp_zkmow2c