अगस्त 2015 ग़ज़लग़ज़ल ग़ज़ल कैसा ये दो लफ्जों में पैगाम लिख दिया पहले सलाम … ग़ज़ल-गाँव कृष्णा कुमारी ‘कमसिन’
अप्रैल 2015 ग़ज़लग़ज़ल ग़ज़ल- तीरगी से रोशनी का हो गया मैं मुकम्मल शाइरी का … ग़ज़ल-गाँव प्रखर मालवीय 'कान्हा'