ये कैसा बसंत आया है
ये कैसा बसंत आया है
जिसमें
पक्षियों …
सिलेण्डर ऑक्सीजन के
होते जा रहे
आजकल
पेड़ कम
और
ऊँची-ऊँची बिल्डिंगें…
उभरते स्वर
स्वागतम्
स्वागतम् स्वागतम् नव वर्ष की
नव भोर का स्वागतम् …
उभरते स्वर
फ़ासले, सूनापन, मायने और नजदीकी
फ़ासले जो कभी तय न …
उभरते स्वर
सब कुछ आसान ही क्यों?
वो प्यास ही क्या जो …
उभरते स्वर
कामयाबी
जीवन में वो मंज़िल ही क्या,
जिसे पाना बहुत …
उभरते-स्वर
बुढ़ापे की कराह
सौंदर्य खो रहा हूँ
मन मार जी रहा …
उभरते स्वर
दूसरी औरत
मैं, दूसरी औरत
तुम्हारी पत्नी नहीं, बीवी नहीं,…