बिन डोरी न बन पाएगा पुष्पहार
बिन सदस्य न बन पाएगा परिवार
जितना विश्वास है पुष्प को डोरी पर
उतना ही रखना होगा
एक सदस्य को दूसरे पर,
टूट गई ये डोरी तो बिखर जायेंगे
वे कोमल पुष्प,
टूट गया परिवार का स्नेह और विश्वास
तो गुम हो जाएंगे परिवार के सदस्य
अविश्वासी, स्वार्थी, लालची हो गए तो
टूट जाएगा परिवार
न टूटने दे पुष्पहार की डोरी को
न बिखरने दे परिवार के सदस्यों को
बांध रखना है हर सदस्य को अपना परिवार
जैसे बांध रखती है डोरी पुष्पहार को,
एक संयुक्त परिवार बनाओ
एक सुंदर पुष्पहार की तरह
उसे मजबूत बनाओ डोरी की तरह
एक उत्कृष्ट पुष्पहार को देखउसकी सुगंध से
मन होता है प्रसन्न
उसी समान
एक संयुक्त परिवार को देख
उनकी खुशियों को देख
भर आता है हृदय
पर आज बिखर रहा है,वो पुष्पहार
बिखर रहा है वो परिवार
धन-संपत्ति के लालच ने, स्वार्थी जीवन ने
क्या कर दिया सभी को लाचार