कहीं करता होगा वो मेरा इंतजार…. यह भाव कितना मनोरम, कितना सुन्दर और रोमांच से भरा है। इसी मनभावन भाव से सजा है रश्मि रविजा जी का यह स्नेहिल सौम्य उपन्यास ‘स्टिल वेटिंग फाॅर यू’
एक बहुत प्यारी सी प्रेम कहानी का ताना-बाना जो बहुत ही खूबसूरती से बुना गया है।
कॉलेज में पढ़ने वाले बुद्धिमान अव्वल आने वाले अभिषेक साधारण नयन -नक्श लेकिन आकर्षक प्रतिभाशाली शचि की बहुत ही सहज, सुन्दर प्रेम-कहानी का ऐसा समन्दर खड़ा होता है जिसमें पाठक गोता लगाते ही डूबा रह जाता है। कई बार प्रेम कहानियां मन के भीतरी परतों को छू ही नहीं पाती पर यह उपन्यास पढ़ते हुए पूरे समय मन भीगा- भीगा रहता है। कॉलेज के दिनों का प्रेम नोट्स के आदान- प्रदान, किताबों की अदला-बदली से शुरू होते हुए, क्लास रूम बेंच पर बैठें छात्रों की गहमागहमी के बीच, गीत गाने के बहाने अनछुए एहसास की तरह है जिसका बहुत ही स्वाभाविक वर्णन उपन्यास में हुआ है।धीमी-धीमी आंच में परिपक्व होता प्रेम उस बिंदु पर पहुँचता है जहाँ अभिषेक को साधारण सी दिखने वाली शचि के अतिरिक्त दूसरा कोई नहीं भाता। आजकल के समय में जहाँ प्रेम में भी वस्तुवादी दृष्टिकोण दिखता है ‘तू नहीं और सही और नहीं और सही’ का मुहावरा व्यवहृत है वहीं यह उपन्यास आत्मिक प्रेम की परिभाषा को परिभाषित करता हुआ हृदय को उच्च भावभूमि पर ले जाता है।
रश्मि रविजा ने अभिषेक और शचि के माध्यम से प्रेम के सूक्ष्मतर भाव को पकडा है। प्रेम की पहल करने में अभिषेक का अहम, मध्यम वर्गीय शचि का उस आकर्षण से अनभिज्ञता प्रदर्शित करना, प्रेम में भ्रम की स्थिति, अनेक छलावों और क्षणिक आकर्षण के बाद भी अभिषेक का शचि को याद करते हुए सुकून से भर जाना, शचि के प्रति कभी संकोच कभी अधिकार भाव का प्रकटीकरण, शचि के खुश रहने की कामना करते हुए भी उसे अपनी अनुपस्थिति में पीड़ित अनुभव करते हुए एक अंजाने सुख की अनुभूति, गुस्से में भी कहीं भीतर छुपा अपनत्व…ये सभी भाव बहुत ही गहराई से और सौम्य रूप मे उपन्यास में मिलते हैं। रश्मि रविजा जी के उपन्यासों की यह खासियत है कि उनमे बहुत प्रवाह रहता है और उत्सुकता बनी रहती है। यह बानगी यहाँ भी दिखती है।
बारिश की फुहारों के बीच या मौसम के किसी भी रंग में यह उपन्यास मन को प्रेम से भिगो देगा और चेहरे पर मुस्कान बिखेर देगा।