चुनाव
एक बार जंगल में हाथी, जिराफ और गेंडे ने एक मीटिंग की। उन्होंने एक दूसरे से पूछा कि इस शेर को जंगल का राजा किसने बनाया? वे तीनों शेर के पास गये और शेर से कहा “जंगल में चुनाव करवाओ, ताकि नये राजा का चयन हो सके।” शेर ने कहा “जरुर चुनाव होने चाहिए। तुम में से कौन चुनाव लड़ना चाहता है?” तीनों एक दूसरे का मुंह देखने लगे। उन्होंने शेर से कहा हम आपस में तय करके आप को नाम बता देंगे। तीनों पेड़ के नीचे बैठकर नाम तय करने लगे। हाथी ने कहा, मेरा नाम तय करो। जिराफ बोला,”अरे मोटे तू कितना खाता है, तुझसे तो दौडा़ भी नहीं जाता है। मेरा नाम उचित रहेगा।” गेंडा बोला,”जिराफ तेरी पतली पतली टाँगें और छोटा सा मुँह है तू राजा जैसा दिखता ही नहीं है। मेरा नाम उचित रहेगा।” हाथी बोला, “गैंडे तेरे पास केवल एक सींग है जिसे झंडे की तरह लेकर घूमता रहता है। तू राजा नहीं बन सकता।” तीनों आपस में झगडा़ करके वहाँ से रवाना हो गये। तब से शेर ही जंगल का राजा है।
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नया महल
एक राजा ने अपने पुराने महल के अलावा एक नया महल बनाने की सोची। उसने अपने राज्य के पास घने जंगल को कटवाना शुरु किया। राजा के नौकरों ने हजारों पेड़ काट दिए। राजा ने अपने शिल्पकारों को नया महल बनाने का आदेश दे दिया। एक रात्रि में अचानक लाखों मधुमक्खियों ने महल पर आक्रमण कर दिया। सभी अपनी जान बचाकर भागे। अगले दिन लाखों पक्षियों ने महल के ऊपर आकर जोर जोर से चिल्लाना शुरु कर दिया।आवाज इतनी तेज थी कि राजा को लगा उसके कान बहरे हो जाएँगे। अगले दिन बन्दरों ने महल पर हमला कर दिया। काफी कीमती सामान तोड़ डाला। राजा बडा परेशान हुआ। उसने अपने सबसे बुद्धिमान मंत्री से इन घटनाओं का कारण पूछा। मंत्री ने कहा,”राजा जी आपने अपने नये महल के लिए इन पशु पक्षियों के घर उजाड़ दिये, अब ये आपको अपनी पीड़ा बता रहे हैं।” राजा को बात समझ में आई। उसने अपने बागवानों को बुलाया और फिर से पेड़ लगाकर जंगल को हरा भरा करने का आदेश दिया।