हे महाकाल हे कल्याणिन् जगतो हर सर्वं दैन्यबलं
हे सर्वभूत हितकारक योगिन् त्वयि विन्यस्तं सर्वबलम्।।
हे भूतनाथ हे मुण्डमाल हे चण्डरुद्र शिशुचन्द्रभाल
हे आशुतोष कुरु कल्याणं हे नागनाथ हे तुंगभाल।
हे विश्वनाथ सुरवन्दनीय विनिपातय सर्वं दुष्टखलं
हे सर्व……………।।
हे शैलशिखरसम्राट पश्य वसुधामसुरैर्दलितां विधुरां
नटराजराज हे कृत्तिवास कुरु जीवनमार्गलतां रुचिराम्।
हे सर्वशुद्ध हे महाबुद्ध हर सज्जनमानसतापकरं
हे सर्व…………….।।
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