नवम्बर 2020 बुढ़ापे की कराहउभरते-स्वर बुढ़ापे की कराह सौंदर्य खो रहा हूँ मन मार जी रहा … उभरते-स्वर ज़हीर अली सिद्दीक़ी
जुलाई 2020 कठोर कौन हैउभरते-स्वर कठोर कौन है ‘पत्थर दिल’ के सम्बोधन से पत्थर और पहाड़ … उभरते-स्वर, हिन्दी ज़हीर अली सिद्दीक़ी