जनवरी 2019 व्यंग्य और सामाजिक यथार्थआलेख व्यंग्य और सामाजिक यथार्थ – रणजीत कुमार सिन्हा व्यंग्य का हिन्दी … आलेख/विमर्श रणजीत कुमार सिन्हा
अगस्त 2018 प्रगतिशील कविता और त्रिलोचनआलेख प्रगतिशील कविता और त्रिलोचन – रणजीत कुमार सिन्हा त्रिलोचन नागार्जुन और … आलेख/विमर्श रणजीत कुमार सिन्हा