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ये ज़िंदगी उलझे हुए बालों की तरह है
हालात के पेचीदा
परिचय :
जन्मतिथि- 24 जनवरी, 1954
जन्मस्थान- ललितपुर (उ.प्र.) के पिपरई गाँव में
प्रकाशन- हंस, साक्षात्कार, प्रयोजन, वर्तमान साहित्य, सरिता, अभिनव प्रयास, पराग, चकमक, समाज कल्याण जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
प्रकाशित कृतियाँ- प्यास (कहानी संग्रह), गाँव के गेंवड़े (बुंदेली ग़ज़ल स
परिचय :
जन्मतिथि- 24 जनवरी, 1954
जन्मस्थान- ललितपुर (उ.प्र.) के पिपरई गाँव में
प्रकाशन- हंस, साक्षात्कार, प्रयोजन, वर्तमान साहित्य, सरिता, अभिनव प्रयास, पराग, चकमक, समाज कल्याण जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
प्रकाशित कृतियाँ- प्यास (कहानी संग्रह), गाँव के गेंवड़े (बुंदेली ग़ज़ल संग्रह), हर दम हँसता-गाता नीम (बाल कविता संग्रह), तुम कुछ ऐसा कहो (नवगीत संग्रह)
विशेष- हिंदी साहित्य में बुंदेली ग़ज़ल विधा के प्रणेता
सम्प्रति- स्वास्थ्य विभाग, कुरवाई ज़िला- विदिशा (म.प्र.) में प्रयोगशाला तकनीशियन के पद से सेवानिवृत
संपर्क- 'काव्या' चंद्रशेखर वार्ड, बीना, ज़िला- सागर (म.प्र.)
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ये ज़िंदगी उलझे हुए बालों की तरह है
हालात के पेचीदा
त्रिपदी गजल
बैठक में टेबल के ऊपर
काग़ज़ के कुछ फूल जमाये…
अब
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हमारा खून शामिल …
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गुलदानों में फूल सजाये
बैठक में टेबल के ऊपर
काग़ज़ के …
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सुख के पानी ,खाद हमारे …
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है नमूना दौरे भ्रष्टाचार का…