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सियासत फिर गली में आ गई है
बगावत जिंदगी में आ …
परिचय :
जन्म- मुज़फ़रा (बेगूसराय)
शिक्षा- एम. ए, बी. एड (हिन्दी, अंग्रेजी एवं शिक्षा शास्त्र) पीएच डी
सम्प्रति- अध्यापन
सहायक प्रोफेसर
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग
मिर्जा गालिब कॉलेज गया, बिहार
प्रकाशन- 'खुले दरीचे की ख़ुशबू', 'ख़ुशबू छूकर आई है', 'परवीन शाकिर की शायरी', 'चाँद हमा
परिचय :
जन्म- मुज़फ़रा (बेगूसराय)
शिक्षा- एम. ए, बी. एड (हिन्दी, अंग्रेजी एवं शिक्षा शास्त्र) पीएच डी
सम्प्रति- अध्यापन
सहायक प्रोफेसर
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग
मिर्जा गालिब कॉलेज गया, बिहार
प्रकाशन- 'खुले दरीचे की ख़ुशबू', 'ख़ुशबू छूकर आई है', 'परवीन शाकिर की शायरी', 'चाँद हमारी मुट्ठी में है', 'मैं आपी से नहीं बोलती', 'लड़की तब हँसती है (संपादन) आदि पुस्तकें प्रकाशित
हिन्दी, उर्दू, और मैथिली की पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन
प्रसारण- आकाशवाणी और टीवी चैनल्स पर नियमित प्रसारण
सम्मान- बिहार सरकार का आपदा प्रबंधन लेखन पुरस्कार प्राप्त
संपर्क- माफ़ी, अस्थावां, नालंदा (बिहार)- 803107
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सियासत फिर गली में आ गई है
बगावत जिंदगी में आ …
डॉ. आरती कुमारी निरंतर ग़ज़ल साधना में लगी हुई हैं। दूसरे शब्दों …
ग़ज़ल-गाँव
ग़ज़ल-
मेरी मेहनत पे जीना चाहता है
वो मेरा ख़ून पीना …
बाल-वाटिका
खेल-खिलौने
मम्मी ये सब खेल-खिलौने
अब लगते हैं बिल्कुल बौने
मिट्टी …