परिचय :
कविता संग्रह- हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ, भूखंड तप रहा है, आग हर चीज में बताई गई थी, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उसके सपने, बदला बेहद महँगा सौदा, पत्थर फेंक रहा हूँ
आलोचना- मुक्तिबोध: कविता और जीवन विवेक
संपादन- दूसरे-दूसरे आ
परिचय :
कविता संग्रह- हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ, भूखंड तप रहा है, आग हर चीज में बताई गई थी, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उसके सपने, बदला बेहद महँगा सौदा, पत्थर फेंक रहा हूँ
आलोचना- मुक्तिबोध: कविता और जीवन विवेक
संपादन- दूसरे-दूसरे आकाश, डबरे पर सूरज का बिम्ब
अनुवाद- पिसाटी का बुर्ज (दिलीप चित्रे, मराठी)