चंडीगढ़ के लेखक अजय सिंह राणा को उनकी पुस्तक ‘तुम जिंदा हो मां’ काव्य संग्रह के लिए ‘चंडीगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’ दिया जाएगा। यह पुस्तक कविता श्रेणी में वर्ष 2020 की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक चुनी गई है। यह उनका तीसरा काव्य संग्रह है इससे पहले भी उनके दो काव्य संग्रह ‘उम्मीद के किनारे’ और ‘भीगे हुए खत’ प्रकाशित हो चुके हैं।
इस चयनित कविता संग्रह की खास बात यह रही है कि इसमें सौ से अधिक कविताएं सिर्फ मां विषय पर ही लिखी गई है। शायद ही कोई किताब हो जिसमें मां विषय पर इतनी कविताएं सम्मिलित हो। अजय जी का कहना है कि इन कविताओं की रचना एक वर्ष में नहीं हुई है। लगभग बीस वर्षों से वह इन कविताओं को लिख रहे थे। मां से बिछड़ने के गम को उन्होंने कलम के हवाले कर दिया। कोरोना काल के समय डायरी के पन्नों में लिखी यह कविताएं एक मित्र के कहने पर किताब के रूप में सामने आई। मां से जुड़े रिश्तो पर आधारित यह किताब भावुकता की जमीन पर कुछ शब्दों को बोने का प्रयास करती है।
अजय सिंह राणा जी भावुक कवि होने के साथ -साथ, एक चर्चित कथाकार भी हैं। उन्होंने दो उपन्यासों ‘खाली घरौंदे’ और ‘तेरा नाम इश्क़’ की रचना की है। ‘तेरा नाम इश्क़’ उपन्यास हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हो चुका है और पाठकों में बेहद लोकप्रिय रहा है। अभी हाल में ही उनका पहला कहानी संग्रह आया है-मकड़जाल। उनके लेखन का केंद्र बिंदु प्रेम रहता है एवं इस संग्रह में सात प्रेम कहानियां हैं।