ख़बरनामा
स्वर्गीय नलिनी उपाध्याय की जयंती पर स्मृति व्याख्यान
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की संस्थापक स्वर्गीय नलिनी उपाध्याय जी की जयंती पर 16 जून को स्मृति व्याख्यान आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार वेदव्यास जी, डॉ. नरेंद्र शर्मा ‘कुसुम’, कमलेश माथुर, कृष्णा जी, स्नेह परनामी, भाग्यम जी, डॉ. सुषमा शर्मा, शशि सक्सेना, डॉ. जयश्री शर्मा व उनके सुपुत्र सुधीर उपाध्याय ने अपने जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए तथा उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। सभी ने अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि “नलिनी जी संघर्ष और चुनौतियों के बीच असाधारण व्यक्तित्व की अनूठी मिसाल थी। उन्होंने महिलाओं को मंच देने हेतु व उनके सशक्त लेखन के लिए साहित्य की दिशा में लेखिका संस्थान रूपी बिरवा रोपा, जो आज फल-फूल कर वटवृक्ष बनकर अपना परचम चारों ओर लहरा रहा है।”
कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित लोगों द्वारा स्वर्गीय नलिनी जी को पुष्पार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। उनके पुत्र सुधीर उपाध्याय ने माँ के रूप में नलिनी जी ने किस प्रकार घर और संस्थान की दोहरी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया, बताया।
आदरणीय वेदव्यास जी ने नलिनी जी को अप्रत्याशित महिला बताते हुए कहा कि “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि पूरे राजस्थान में राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान मात्र ऐसा संस्थान है, जो अभी तक 30 वर्षों से जीवित है। बाकी संस्थाएँ बनीं और लुप्त हो गयीं।”
समीक्षक नरेंद्र शर्मा ‘कुसुम’ ने नलिनी जी की स्मृतियों को मूल्यवती बताते हुए कहा कि किसी भी संस्था के चिरंजीवी होने का कारण अहम् त्याग है और वह लेखिका संस्थान में है। यहाँ मैं को छोड़कर हम से काम किया जाता है।
अंत में संस्थान की अध्यक्ष डॉ. जयश्री शर्मा ने नलिनी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संस्थान नलिनी जी के ही नक्शे-क़दम पर चल रहा है। उन्होंने 101 लेखिकाओं के लघुकथा संग्रह व नलिनी जी के द्वारा चलाई गई लेखनी पत्रिका को निकालने की इच्छा ज़ाहिर की।
इस अवसर पर प्रसिद्ध सिंपली जयपुर मैगज़ीन की एडिटर अंशु हर्ष, अरुण जी, संतोष सांघी जी व साहित्य जगत की नामचीन हस्तियाँ उपस्थित थीं। अंत में सहसचिव रेनू शब्द मुखर ने सभी वरिष्ठ साहित्यकारों व उपस्थित सभी आगंतुकों का व मीडिया बंधुओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री सुशीला शील ने किया।
टोरंटो में लिट फेस्टिवल का आयोजन
चित्र में बाएँ से दाएँ भारत से पधारे डॉ. सुनील शर्मा (मुख्य संपादक, सेतु, अंग्रेज़ी) श्री अखिल भंडारी, श्री सुमन घई (संपादक, साहित्य कुंज) डॉ. हंसा दीप, श्रीमती कोकिला शाह, धर्मपाल महेंद्र जैन (सभी टोरंटो), श्री अनुराग शर्मा (मुख्य संपादक, सेतु हिंदी, अमेरिका) एवं सुश्री शेरोन बर्ग (कनाडा)
पिट्सबर्ग (अमेरिका) से हिंदी व अंग्रेज़ी भाषा में प्रकाशित होने वाली साहित्य मासिक पत्रिका ‘सेतु’ द्वारा टोरंटो में लिट फेस्टिवल का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुनील शर्मा के कविता संग्रह ‘इंटरसेक्शंस’, श्री अनुराग शर्मा द्वारा संपादित काव्य संकलन ‘पतझड़ सावन बसंत बहार’ एवं डॉ. हंसा दीप के उपन्यास ‘कुबेर’ का लोकार्पण हिंदी एवं अंग्रेजी के रचनाकारों की उपस्थिति में किया गया।
अमेरिका में हिंदी के पाठन की चुनौतियों पर सुश्री सोनिया तनेजा के वक्तव्य के साथ सर्वश्री स्कॉट थॉमस आउटलर, हीथ ब्रोघर, नरेंद्र भांगू, डॉ. सुनील शर्मा, शेरान बर्ग एवं संगीता शर्मा ने अंग्रेजी में एवं सर्वश्री अखिल भंडारी, सुमन घई, सरन घई, अजय गुप्ता, अनुराग शर्मा व धर्मपाल महेंद्र जैन ने हिंदी में रचना पाठ किया। रचनाकारों ने हिंदी एवं अंग्रेज़ी में लिखी जा रही आधुनिक कविता की प्रासंगिकता और भविष्य पर सार्थक बातचीत करते हुए द्विभाषी कार्यक्रमों में रचनात्मक सहयोग पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री धर्मपाल महेंद्र जैन ने की एवं सुश्री संगीता शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
– टीम हस्ताक्षर