ख़बरनामा
केरल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में पवन चौहान का यात्रा संस्मरण
हिमाचल प्रदेश के जिला मण्डी के महादेव गाॅंव के युवा साहित्यकार पवन चौहान का यात्रा संस्मरण ‘महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम, केरल’ के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उनका यह संस्मरण ‘किन्नर कैलाश की यात्रा’ से सबंधित है। इस बेहद कठिन, रोमांचक और धार्मिक यात्रा के उनके अनुभव को केरल के लगभग 400 से ज्यादा काॅलेज के विद्यार्थी अपने हिन्दी के पाठ्यक्रम में इस वर्ष 2017 के नए सत्र से पढ़ रहे हैं। यह संस्मरण केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम के बी. काॅम के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जा रहा है। पुस्तक का नाम ‘साहित्य सागर’ है। इस पुस्तक में माधव हाड़ा, ओमप्रकाश वाल्मीकि, हरिशंकर परसाई, ए पी जे अब्दुल कलाम, स्वयं प्रकाश, कबीर दास, गोस्वामी तुलसीदास, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय ‘बच्चन’, भगवत रावत, कुमार अम्बुज, ज्ञानेन्द्रपति, एकांत श्रीवास्तव, अनामिका, अरुण कमल की रचनाएं सम्मिलित हुई हैं।
पवन चौहान युवा कवि, कहानीकार, बाल साहित्यकार तथा फीचर लेखक के रुप में जाने जाते हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कविता, कहानी, बाल कहानी और फीचर प्रकाशित होते रहते हैं। गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष 2015 से पवन चौहान की बाल कहानी को हिमाचल प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है, जिसे कक्षा पांच के विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। पवन चौहान का एक कविता संग्रह ‘किनारे की चट्टान’ भी 2015 में प्रकाशित हुआ था, जो काफी चर्चित रहा। इसके अलावा इन्होंने वर्ष 2016 में लखनऊ से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका ‘दिव्यता’ और वेब पत्रिका ‘हस्ताक्षर’ के बाल साहित्य विशेषांकों में अतिथि संपादक के तौर पर कार्य किया। साथ ही जम्मू-कश्मीर अकादमी की पत्रिका ‘शीराजा’ तथा हिमाचल प्रदेश की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की पत्रिका ‘हिमप्रस्थ’ की अब तक की प्रकाशन यात्रा में पहली बार बाल विशेषांक प्रकाशन में विशेष भूमिका निभाई। वर्ष 2014 में ‘राष्ट्रीय सहारा’ समाचार पत्र की रविवारीय मैगजीन ‘उमंग’ में ‘टूर’ नाम से पर्यटन पर नियमित स्तंभ लिखा। वर्तमान में पवन चौहान नैनीताल से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका ‘शैल सूत्र’ में बतौर बाल साहित्य संपादक तथा लखनऊ से निकलने वाली पर्यटन की पत्रिका ‘प्रणाम पर्यटन’ में संपादकीय सलाहकार के रुप में अपनी सेवाएं (अवैतनिक) दे रहे हैं।
पवन चौहान को साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) द्वारा बाल कहानी के लिए ‘हिन्दी साहित्य भूषण’ सम्मान, हिम साहित्य परिषद (मण्डी, हि.प्र.) द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में पहली कहानी को द्वितीय पुरस्कार मिला है। वर्ष 2017 के लिए इन्हे हिमतरु संस्था (कुल्लू) का बाल साहित्य सम्मान दिया जाएगा।
– सुरेन बिश्नोई