त्रैमासिक पत्रिका समकालीन सांस्कृतिक प्रस्ताव के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
त्रैमासिक पत्रिका ‘समकालीन सांस्कृतिक प्रस्ताव’ के तत्वावधान में दिनांक 24 मई, 2015 को कानपुर के किदवई विद्या मंदिर के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार व कृषि वैज्ञानिक डॉ. कृष्ण गोपाल दीक्षित ‘दद्दाजी’ का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। दद्दा जी के साथ ही वरिष्ठ गीतकार कृष्णकांत शुक्ल व कन्हैयालाल गुप्त ‘सलिल’ का भी उनकी दीर्घकालीन साहित्यिक सेवाओं के लिये अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर हरीलाल मिलन, जयराम सिंह जय व सफलता सरोज ने दद्दा जी के व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं विश्वनाथ ‘विश्व’ की वाणी वंदना से हुआ। गीत एवं नाट्य प्रभाग, दिल्ली के राजनारायण दीक्षित ने अपने नाट्य लेखन एवं मंचन के अनुभव सुनाये।
अंत में एक सरस काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें हापुड़ से आयी कवयित्री डॉ. रश्मि शर्मा ने “तलवार हूँ नफरतों को काटती हूँ, मैं दिलों की खाइयों को पाटती हूँ”, अशोक शास्त्री ने “युग-युग सेवा है चलती आई घर-घर यही कहानी, एक पराया धन होती है घर की बिटिया रानी” के माध्यम से बेटियों के महत्त्व को इंगित किया। हरीलाल मिलन के राष्ट्र भाषा गान “रस-रसपूरित, छंद अलंकृत जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान” की भरपूर सराहना की गई। भुवनेश शुक्ल, नारायण प्रसाद मानव, राजेश सिंह, राजकुमार सचान, कन्हैयालाल गुप्त ‘सलिल’, सुरेन्द्र शशि, नन्हेलाल तिवारी आदि ने अपनी रचनाओं से काव्य रसधार बहाई। अध्यक्षता सुकवि कृष्णकांत शुक्ल ने की एवं संचालन डॉ. अशोक कुमार गुप्त ‘अशोक’ ने किया।
– के. पी. अनमोल