हाइकू
हाइकू
झरती बूँदें
चारु शिवाभिषेक
मनभावन
काले बादल
हवाओं की लय पे
शुभ आगाज़
बहुत ख़ूब
मौसम का ये रूप
मिली राहत
अद्भुत सारे
उन्मुक्त नजारे
हसीं वादियाँ
खिलखिलाती
प्रस्फुटित फूलों-सी
चंचल हंसी
जीवन रथ
चले अनवरत
नयी आशाएँ
किसने बुने
हमारे ताने-बाने
हम न जानें
सब कीमती
पर मेरा ये दिल
बेशकीमती
उड़ते पंछी
छूने चले अंबर
गुनगुनाते
देश प्रेमियो!
बहे न यूँ बेकार
देश का रक्त
– अनुपमा श्रीवास्तव अनुश्री