विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली में सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री अखिलेंद्र मिश्र की पुस्तक “आत्मोत्थानम्“ का विमोचन आचार्य बालकृष्ण, डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी, साहित्यकार ओम निश्चल, डॉक्टर लक्ष्मी शंकर बाजपेई, सर्व भाषा ट्रस्ट के संचालक केशव मोहन पाण्डेय, प्रोफ़ेसर संगीत रागी एवं श्रीमती दीपाली मलिक के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर अखिलेंद्र मिश्र ने अपने इस कविता संग्रह “आत्मोत्थानम्“ से “हिन्दी” कविता का पाठ किया। दर्शकों के विशेष अनुरोध पर अखिलेंद्र मिश्र ने अपनी कविता “सरस्वती” और “लोकतंत्र” का भी पाठ किया। उन्होंने अपनी कविता लोकतंत्र में लोकतंत्र की व्याख्या आध्यात्मिक रूप से की है। सरस्वती कविता सरस्वती नदी पर आधारित है । सरस्वती क्या कहती है अपने बारे में, जो सूक्ष्म है, गुप्त है लेकिन लुप्त नहीं हैं। इस बात को उजागर करती है यह कविता। “हिंदी” कविता हिंदी भाषा की व्यापकता, वैज्ञानिकता एवं उसका आध्यात्मिक स्वरूप दर्शाती है। तीनों कविताओं का दर्शकों ने ख़ूब रसास्वादन किया।
“आत्मोत्थानम्” अखिलेंद्र मिश्र की तीसरी पुस्तक है। उनका पहला कविता संग्रह “अखिलामृतम्” है । दूसरी पुस्तक अभिनय पर आधारित है “अभिनय अभिनेता और “अध्यात्म”। यह एक वर्ष से अमेजॉन पर बेस्ट सेलर है और यह तीसरी पुस्तक “आत्मोत्थानम्” इस बार 2025 के विश्व पुस्तक मेला में विमोचित हुई।
अखिलेंद्र मिश्र एक सिद्ध अभिनेता रंगकर्मी के साथ-साथ अब साहित्य की तरफ़ बढ़ चले हैं। साहित्य से इनका नाता बचपन से ही रहा है लेकिन अब इन्होंने लिखना भी प्रारंभ कर दिया है। अपने अभिनय से दर्शकों का खूब मनोरंजन करने वाले अखिलेंद्र मिश्र को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ। हम उम्मीद करते हैं कि उनकी यह साहित्यिक यात्रा समाज और साहित्य को एक नई दिशा देगी।
*सभी पुस्तकें अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं।