60 कवियों की प्रतिनिधि कविताओं के संग्रह ‘तुहिन’ और ‘गूँज’ का लोकार्पण
4 अप्रैल 2015 की शाम हिंदी भवन, नई दिल्ली में 29 कवियों की प्रतिनिधि कविताओं के संकलन ‘तुहिन’ और 33 संभावनाशील कवियों की प्रतिनिधि कविताओं के संग्रह ‘गूँज’ का विमोचन हुआ। तुहिन में अपर्णा अनेकवर्णा, निशा कुलश्रेष्ठ, पूनम मटिया, नीलू पाटनी, अभिनव सब्यसाची, कविता राघव, नीलिमा शर्मा आदि हैं और गूँज में आभा खरे, प्रीति ‘अज्ञात’, सुमन सिन्हा, भावना सिन्हा, अमिय प्रसून मल्लिक, मधु सक्सेना, अभिलेख द्विवेदी, सोनी पाण्डेय, वंदना वाजपेयी आदि की कवितायें हैं. लोकार्पण ‘प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति, करनाल’ के अध्यक्ष नरेन्द्र अरोड़ा, प्रसिद्ध कथाकार और पाखी के संपादक प्रेम भारद्वाज, मशहूर कार्टूनिस्ट इरफ़ान व वरिष्ठ कवयित्री सुमन केशरी ने किया। उल्लेखनीय है कि इन दोनों किताबों का संपादन मुकेश कुमार सिन्हा और अंजू अनु चौधरी ने तथा प्रकाशन, हिंद युग्म ने किया है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी कवियों यथा शुभ्रा कुमारी, नीलिमा शर्मा, शालिनी रस्तोगी, प्रोमिला काजी, अनामिका शर्मा, अभिनव सब्यसाची, निशा कुलश्रेष्ठ, सुशीला श्योराण, पूनम माटिया आदि ने अपनी कविताओं का पाठ भी किया। संचालन कवयित्री अंजू शर्मा ने किया।
प्रेम भारद्वाज ने संग्रह की रचनाओं पर टिप्पणी करते हुए यह रेखांकित किया कि इस समय रचनात्मकता का जो विस्फोट दिखलाई पड़ता है उसके बीज कहीं-न-कहीं तमाम रचनाकारों में धर्मयुग-सारिका युग में पड़ गए थे। बहुत से रचनाकारों ने उन्हीं बीजों को संभाल कर रखा जो आज तमाम तरह की व्यवस्थित-अव्यवस्थित अभिव्यक्तियों में दिखलाई पड़ रहे हैं। शायद आगे कभी ऐसी कोई हिंदी लेखक-पीढ़ी देखने को न मिले।
मुकेश सिन्हा और अंजू चौधरी ने इसके पहले भी कस्तूरी, पगडंडियाँ और गुलमोहर के नाम से तीन साझा कविता संकलनों का संपादन किया है.
हिंद युग्म प्रकाशन द्वारा जारी
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– के. पी. अनमोल