चिड़िया बोले फूल से, जिसकी हो सरकार।
उड़ने खिलने तक रहे, अपना यह संसार।।
माँगे से जो मिले ना, सबका अपना मूल।
कुदरत परम उदार है, करे न कोई भूल।।
दुनिया माटी धूल है, फिर भी है अनमोल।
गिनो न अपनी साँस तुम, बोलो मीठे बोल।।
जिसको मालिक ने दिया, सब कुछ दिया उधार।
चाहे तुम से कुछ नहीं, बाँटो केवल प्यार।।
दिल की खिडकी खोल दो, खींचो ना दीवार।
खुशबू आए दूर से, हवा करे इसरार।।
आओ दिलवर प्यार से, करो नहीं इनकार।
मिलजुल कर अब हम करें, इस दरिया को पार।।
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