हाइकु
होली के हाइकू
बीच मोहल्ला
दौड़े-भागे है लल्ला
होली में हल्ला
फ़ागुन मन
मौसम भी मलंग
चढ़ा है रंग
मन में श्याम
चढ़े न रंग दूजा
होली है फ़ीकी
ओ रंगरेज
ब्रज रंग दे मोहे
राधा बना दे
होली में रंगे
मुखौटे चिढ़ाते हैं
पहचाना क्या?
फ़ागुन आता
होली खेल भागता
बदमाश है
पिया जो दिखे
अंग मृदंग बजे
प्रीत रंग है
चीखे- “होली है”
होलियारों की टोली
बधाई गाते
रंगों की कूची
फ़ागुन है चितेरा
रंगे चेहरा
पेड़ों में फ़ाग
फूलों को रंग दिए
पत्ते हैं हरे
– रमेश कुमार सोनी