हाइकू
हाइकू
प्रकृति बंधी
नियमों से अटल
ललकारो ना
पर्यावरण
प्रदूषित हो रहा
रोकिए इसे
हर तरफ
कटते जंगलात
धरा रो रही
स्वच्छ जल
कहाँ से मिले अब
दूषित पानी
फैलता शोर
कनफोड़ू आवाज़
घुटते लोग
संकटापन्न
विलुप्त होते प्राणी
कहाँ जाएँ ये?
घटती आयु
बढ़ता प्रदूषण
संकट आया
बढ़ते लोग
घटते संसाधन
पिसती धरा
मत छेड़िए
प्रकृति को यूँ अब
जला देगी ये
पर्यावरण
सुरक्षित रहेगा
संपन्न धरा
काटिये नहीं
हरे-भरे वृक्षों को
जीवन देंगे
दूषित वायु
घटता जलस्तर
बढ़ता शोर
पिघले हिम
ये ग्लोबल वार्मिंग
बढ़ता ताप
कटते पेड़
फैलता रेगिस्तान
जीवन त्रस्त
पौधे रोपिए
उर्वरता बचाएँ
समृद्ध धरा
स्वच्छ जल
नदियाँ अविरल
टले संकट
पर्यावरण
हो सतत् विकास
यही संकल्प
– कृष्ण कुमार यादव
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