हाइकु
हाइकु
कुछ न किया
पा लिया खुदा मैंने
बच्चे को देख।
साथ चले है
तेरी याद हमारे
हो साया जैसे।
कहीं न गया
तुझको याद किया
हो गई पूजा।
दिल समझे
नयन बोल रहे
प्यार महका।
फ़ैल रही है
शहरी आबो-हवा
खो रहे गाँव।
धर्म के लिए
लड़ रहे हैं लोग
धर्म कहाँ है?
गिरते मूल्य
खामोश है समाज
वजह क्या है?
बदलो सोच
पंक न देखकर
पंकज देखो।
भले न बने
धर्मस्थल तुझसे
पेड़ लगाना।
घर गमला
बातें बरगद सी
जँचती नहीं।
– दिलबाग विर्क
Facebook Notice for EU!
You need to login to view and post FB Comments!