हायकु
हाइकु (शिक्षक दिवस पर विशेष)
नमन करें
आओ गुरुजनों को
दामन भरें
असीम ज्ञान
निस्वार्थ भावना से
देते हैं शिक्षा
कण-कण में
स्थूल-सूक्ष्म के बीच
बाँटते ज्ञान
हे मन! सुनो
गुरु ज्ञान के बिना
जीवन व्यर्थ
ज्ञान विहीन
रहता है मानव
अधमरा-सा
मेहर गुरु की
बरसे बारिश-सी
मिले संतुष्टि
करो सम्मान
झुकाओ मस्तक को
बनो विद्वान
गुरु चरण
अर्पित करें फूल
साक्षर बनें
गुरु शरण
मिले ज्ञान की दृष्टि
मन संचार
सत्कर्म से ही
पाते उच्च मुकाम
महान गुरु
शिक्षक हमें
अनुभव सार से
देते हैं सीख
अँधियारे से
गुरु करते सचेत
दें दिव्य ज्ञान
हाथ की रेखा
बदले किस्मत को
गुरु का ज्ञान
दिखाते राह
ले जाते उजालों में
गुरु हमेशा
– डॉ. पूर्णिमा राय
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