सिलेण्डर ऑक्सीजन के
होते जा रहे
आजकल
पेड़ कम
और
ऊँची-ऊँची बिल्डिंगें
ज़्यादा!
महसूस होती है
कमी हवाओं की
ऐसा नहीं कि
हवा नहीं बहती
लेकिन
रोक लेतीं हैं
हवाओं का रास्ता
ऊँची बिल्डिंगें
ऐसा भी दिन
देखना न पड़ जाए
जब इंसान
पीठ पर लादे
घूमते फिरें
सिलिंडर
ऑक्सीजन के
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अँधेरे को भी
अँधेरा
जिससे डरते हैं सब
बच्चे भी
बूढ़े भी
और जवान भी शायद
नहीं डरना चाहिए
अँधेरे से
हो सकता है
डर लगता हो
अँधेरों को भी
अपने अँधेरेपन से
घुप्प अँधेरे में
अँधेरा
सहमा-सहमा
डरा हुआ
चुप रहता हो कहीं
तभी तो अँधेरा
होता जब
हल्की-सी
पाँव की पदचाप भी
सुनाई पड़ जाती है
क्यों डर जाते हैं
लोग अँधेरे से
हो सकता है
डर लगता हो
अँधेरे को भी
अपने अँधेरेपन से
– जफर अहमद