ख़बरनामा
साहित्य मण्डल, नाथद्वारा के तत्वाधान में त्रिदिवसीय ‘हिन्दी लाओ, देश बचाओ’ कार्यक्रम सम्पन्न
श्रीनाथद्वारा। ‘साहित्य मण्डल’ श्रीनाथद्वारा के तत्वावधान में ‘हिन्दी लाओ, देश बचाओ’ कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय आयोजन में देश भर के पांच सौ से अधिक साहित्यकारों, वक्ताओं द्वारा हिन्दी के विकास एवं संरक्षण पर विचार मंथन कर हिन्दी की राह में आ रहे रोड़ों को दूर करने और हिन्दी के प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर देश भर के हिन्दी विद्वानों, साहित्यकारों, संपादकों को सम्मानित कर उनका अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिन 13 सितंबर, 2016 को प्रातः 9 बजे साहित्यकारों ने संस्था के महत्वपूर्ण कक्षों का अवलोकन किया। उसके उपरांत दोपहर 2 बजे से साहित्य मण्डल माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं गोपी नृत्य की प्रस्तुति की गई।
अपरान्ह 3 बजे से हिन्दी उपनिषद व अलंकरण अभिनंदन समारोह का शुभारंभ हुआ। इसी अवसर पर ‘राष्ट्र समर्पण’ मासिक (नीमच) का लोकार्पण संपादक श्री संजय शर्मा, शारदा संजय शर्मा एवं मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया।
रात्रि 9 बजे से प्रारंभ हुए सत्र में ‘वाणी में तू मिश्री घोल, अपनी भाषा हिन्दी बोल’ विषय पर देश भर से पधारे कवियों ने हुंकृति प्रस्तृत की। तत्पश्चात हिन्दी साहित्य विभूषण एवं हिन्दी काव्य भूषण की मानद उपाधि से विद्वानों को समलंकृत्य किया गया।
दस सत्रों के इस कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री विठ्ठल जी पारीक एवं अंजीव अंजुम ने किया तो आभार संस्था प्रधान श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने व्यक्त किया।
14 सितम्बर 2016 को साहित्य मण्डल माध्यमिक विद्यालय के छात्र, छात्राओं एवं देश भर से कार्यक्रम में शिरकत कर रहे साहित्यकारों, गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों ने अपने हाथों में ‘हिन्दी लाओ, देश बचाओ’, ‘हिन्दी भारत माँ की बिन्दी’, ‘हिन्दी सबकी रानी है’, ‘एकता जान है, हिन्दी सबकी शान है’, ‘हिन्दी का उत्थान हो’ जैसे नारे लिखी तख्तियां, बैनर, बेंड-बाजे और ढोल-ढमाकों के साथ रैली निकाली। रैली साहित्य मण्डल से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। कई जगह रैली का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
इसके पश्चात प्रात: 11 बजे साहित्य मण्डल परिसर में पत्र-पत्रिकाओं तथा संस्था प्रकाशनों की विशाल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। देश भर से पधारे साहित्यकारों, संपादको, बुद्धिजीवियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
अपरान्ह 2 बजे ‘साहित्य मण्डल’ प्रेक्षागार में साहित्य मण्डल माध्यमिक विद्यालय के छात्र, छात्राओं द्वारा राष्ट्रभाषा गान एवं हिन्दी नाटिका का मंचन किया गया।
दोपहर 3 बजे से ‘हिन्दी उपनिषद’ व अलंकरण अभिनंदन समारोह’ का शुभारंभ हुआ, जिसमें नोएडा के दिविक रमेश ने ‘न्याय प्रणाली एवं उपेक्षित हिन्दी’, पीलीभीत के डॉ. प्रणव शास्त्री ने ‘हिन्दी का सांस्कृतनिष्ठ स्वरूप-अस्वीकर करें’, आकोला के श्री राजकुमार जैन ‘राजन’ ने ‘आज का मीडिया और उसकी हिन्दी भाषा’, अमृतसर की डॉ. सुनीता शर्मा ने ‘अपने ही घर में प्रवासिनी होती हिन्दी’ कोटा के श्री रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’ ने ‘हिन्दी लेखन देवनागरी लिपि में ही क्यों?’, भोपाल की कीर्ति श्रीवास्तव ने ‘राट्रभाषा के बिना राष्ट्र की परिकल्पना कैसे संभव?’ विषय पर अपने पत्रों का वाचन किया।
तत्पश्चात ‘हिन्दी साहित्य शिरोमणि’ की मानद उपाधि से साहित्यकारों को नवाजा गया। सम्मानित सभी शताधिक साहित्यिक मनिषियों को अंग वस्त्र, भगवान श्रीनाथ जी की छवि, उपरणा, प्रसाद, अभिनंदन पत्र भेंट कर मंचस्थ अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
नौ सत्रों के इस कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री विऋल जी पारीक एवं अंजीव अंजुम ने किया तो आभार संस्था प्रधान श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने व्यक्त किया।
रात्रि 9 बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 41 कवियों ने काव्य पाठ किया।
त्रिदिवसीय ‘हिन्दी लाओ, देश बचाओ’ कार्यक्रम के अंतर्गत आचार्य रत्नकला मिश्र, हैदराबाद (तेलंगाना), डॉ. कुमुंदबाला मुखर्जी, हैदराबाद (तेलंगाना), कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड, कोलकाता (प. बंगाल), डॉ. संजय कुमार सिंह, बालंगीर (उड़ीसा), प्रो. हेमराज मीणा, गुवाहाटी (असम), श्री रण काफ्ले, कार्बी आंगलंग (असम), श्री शंकरलाल शर्मा, गुंजोल, नाथद्वारा (राज.), डॉ. रामसिंह यादव, उज्जैन (म.प्र.), डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह, किशनगढ़ (राज.), डॉ. सुरेन्द्र विक्रम, लखनऊ (उ. प्र.), डॉ. दिविक रमेश, नोएडा (उ.प्र.), श्री जियालाल आर्य, पटना (बिहार), प्रो. अमरज्योति, धारवाड़ (कर्नाटक), आचार्य भगवत दुबे, जबलपुर (म.प्र.), डॉ. राजकुमार ‘सुमित्र’ जबलपुर (म.प्र.), प्रो. विजय कुलश्रेष्ठ, जयपुर (राज.), श्री गोविन्द माथुर, जयपुर (राज.), डॉ. मधुसूदन पाटिल, हिसार (हरियाणा), श्री गिरीश पंकज, रायपुर (छ.ग.), डॉ. अवध किशोर त्रिवेदी, चौन्नई (तमिलनाडु), डॉ. कमलेश थापक, चित्रकूट (उ.प्र.), प्रो. केसरीलाल वर्मा, रायपुर (छ.ग.), डॉ. गार्गीशरण मिश्र ‘मराल’ जबलपुर (म.प्र.), डॉ. हरीश नवल, नई दिल्ली, डॉ. मालती शर्मा, पूणे (महाराष्ट्र), डॉ. चक्रधर नलिन, लखनऊ (उ.प्र.) आदि साहित्यकारों/पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन 15 सितम्बर 2016 को साहित्य मण्डल सभागार में ‘हिन्दी उपनिषद’ से शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात ‘संपादक रत्न’ की मानद उपाधि से पत्रकारों को नवाजा गया।
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन विठल पारीक ने किया। आभार की रस्म ‘साहित्य मण्डल’ के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने अदा करते हुए त्रिदिवसीय कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। त्रिदिवसीय यह कार्यक्रम पूर्णतः अनुशासित, विधिवत, नियमबद्ध और गरिमामय रूप से संपन्न हुआ। अतिथियों के लिए सुंदर व्यवस्था रही।
(सौजन्य- कीर्ति श्रीवास्तव, संपादक साहित्य समीर, भोपाल)
– आज़र ख़ान