गीतम्
संस्कृते संस्कृति:
संस्कृते संस्कृति: सेवनीया सदा।
भाति कीर्ति: शुभा भारतीया सदा।1।
विश्वबन्धुत्वभावोऽस्ति वेदेषु भो!
भारते भावना वर्धनीया सदा।2।
रामभक्तिं समाराध्य रामायणे।
राम...
जो दिल कहे
कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्!
वह बांका है, मनोहर है, सुकुमार है, आनन्दकन्द है और भोला तो इतना है कि ठीक-ठीक कछनी तो इसे अपनी कटि में लपेटनी आती नहीं। मैया पहना दे तो ठीक है। इसे तो बस प्रत...