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जयतु संस्कृतम्
कविता
सहायाः सहन्ते
पदैः वा मदैः किं भवेत् तादृशानां
क्वचित्स्थाः स्वगीतैर्मनो ये हरन्ते ।।1।।
जलध्वंसने नात्मदोषस्तथापि
नदीनां हि मीना न दीनाः स्मयन्ते ।।2।।
वयं ते न विप्राः प...
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आलेख
संस्कृत का पहला विलापकाव्य- प्रो.राधाबल्लभ त्रिपाठी
संस्कृत साहित्य में मृत्यु पर विलाप के बहुविध प्रसंग हैं। ऋग्वेद में मृत्यु को लेकर मार्मिक सूक्त है, जिसका समापन आशा और जीवन में लौटने ...
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जयतु संस्कृतम्
कविता
दोला राजते निम्बशाखिनि
दोलति विन्ध्यवासिनी ना
श्यामश्लक्षणपर्णाच्छादित
सघनसान्द्रशीतलछायासु
दोला राजते निम्बशाखिनि
दोलति विन्ध्यवासिनी ना
शाखाविवरे अरुणरश्मय:
क्रीडन्त्य: व...
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जयतु संस्कृतम्
लघुक्षणिका- नाटिका
दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा प्रायोजित अखिल भारतीय मौलिक संस्कृत लघु कथा एवं लघु नाटक लेखन प्रतियोगिता वर्ष 2016-2017 में लघुक्षणिका नाटक को दिल्ली संस्कृत अकादम...
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जयतु संस्कृतम्
इयं होलिका श्रेयसे स्यात् समेभ्य:
रमन्तां समे रागरङ्गेण साकं,
सुचित्ते भवेद्हार्दभावोSपि नित्यं।
मिथो भावयद्भव्यरूपेण होल्यां
भृशं सख्यरङ्गेण लोका: रमन्ताम्।।
इयं होलिका...
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जयतु संस्कृतम्
श्रावणस्तु वैशाखो जातः
(श्री महेन्द्र भीष्म विरचित एकांकी ‘‘सावन बैसाख हो गया’’ इत्यस्यानुवादः) - 1
- नान्दी-
शीर्षे चन्द्रकला ललाटपटलेऽग्निर्यस्य राराजते।
ग्ंागा केशकलापगा त्रिप...
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जयतु संस्कृतम्
श्रावणस्तु वैशाखो जातः
(श्री महेन्द्र भीष्म विरचित एकांकी ‘‘सावन बैसाख हो गया’’ इत्यस्यानुवादः) - 2
पञ्चमं दृश्यम्
(मञ्चे ठाकुरभानुप्रतापसिंहः सपत्नीकः तिष्ठति।)
भा- राघवस्य मातः...
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जयतु संस्कृतम्
गीतम्
सेल्फिकथा
प्रतिभान्ति समे मुदिता: हसिता:,
स्व-मुबाइलहस्तगता: भ्रमिता:।
निजचित्रकलाकलने निरता:,
किमु वच्मि नु सेल्फिकथां वचसा?।।१
अतिविस्मितनेत्रकृता: बहुधा,
लप...
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जयतु संस्कृतम्
कविता
गीताजयन्त्युपलक्ष्ये
येन गीता सुगेया न गीता सखे
येन गीता सुपेया न पीता सखे।
येन गीता न बुद्ध्या गृहीता सखे
तेन मूढेन वेला व्यतीता सखे।।१।।
कृष्णवाणी सुधेयं सु...
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जयतु संस्कृतम्
कविता
त्वदीयं दर्शनं लब्ध्वा
त्वदीयं दर्शनं लब्ध्वा मनो मे मोदते नित्यम्।
समक्षे वारणं दृष्ट्वा वियोगो बाधते नित्यम्।।1।
शशी तारा: निशा दीपा रमन्ते खे सदा रात्रौ।
प्रभाते रागि...