उभरते स्वर
यही है प्यार!
अहसास ही
अमिट रिश्तों का बंधन
धरातल पर
दोनों एक साथ
शून्य से मन की
अथाह और अनंत
उत्तेजना
यही हैं प्यार…….।
अनकहे शब्दों का
अलौकिक संसार
चंचल मन की
भ्रमित तृष्णा
युगों से अनसुलझी
परिभाषा
जीवन की मोहमाया
यही है प्यार…….।
किंचन मन की
अकिंचन प्रवृत्ति
क्षुद्र सी वेदना की
असहनीय पीड़ा
तन और मन के
मधुर भाव की
सौंधी सी गंध
यही है प्यार……….।
************************
ज़िंदगी वक़्त जो देती!
एक दिन
चुपके से मौत
आएगी
जिंदगी को
आगोश में अपने
सब से छीन कर
क्षितिज के पार
दूर ले जायेगी
हम न होगें
यादें हमारी
रह जायेंगी
साँसे थम जायेंगी
आँखे इंतजार मे तेरे
खुली रह जायेंगी
काश!
कुछ वक्त मुझे देती
काम जरूरी
निबटा लेती
बच्चों के माथे पें
हाथ फिरा लेती
जीवन उनको
समझा देती
प्रिय को आलिंगन में
भर के कौन है!अपना
कौन पराया
राज अपने सब
बतला देती
जिंदगी
वक़्त जो देती
जिम्मेदारियांँ
अपनी निपटा लेती
– डॉ. रचना सिंह