हायकु
हाइकु
खत्म छुट्टियाँ
नन्हों के कन्धे बस्ते
शुरु लड़ाई
नमी आँखों में
बिटिया ब्याह गयी
सूना आँगन
नया करुं मैं
मनाऊं जन्मदिन
पेड़ लगाऊँ
पढेगी बेटी
उज्ज्वल भविष्य
देश बढ़ेगा
बैरी है पिया
मैं यहाँ हूँ वो वहाँ
दिल बेचैन
नभ नापता
अहंकारी रावण
मुँह की खाता
बावरा इश्क
देखूँ न जात पात
दिल मस्ताना
मन का भौंरा
यहाँ वहाँ मैं घूमूँ
दिल बेचारा
लम्हें प्यार में
दिन गुजरे उम्दा
कभी न भूले
– आनन्द विक्रम त्रिपाठी