ख़बरनामा
प्रीति ‘अज्ञात’ को ‘शान-ए-भारत’ सम्मान
शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के बलिदान दिवस के अवसर पर हस्ताक्षर की संस्थापक एवं संपादक प्रीति ‘अज्ञात’ को ‘शान-ए-भारत अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह अवार्ड 20 मार्च, 2016 को करनाल, हरियाणा में हुए देशभक्ति से ओत-प्रोत राष्ट्र स्तरीय श्रद्धांजलि एवं सम्मान समारोह में दिया गया। इस भव्य कार्यक्रम में शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद, ऊधम सिंह, बटुकेश्वर दत्त, अवंतीबाई लोधी के परिवार के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
श्री नरेंद्र अरोड़ा जी द्वारा स्थापित ‘प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति’, करनाल (हरियाणा) कई वर्षों से समाज सेवा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय और प्रशंसनीय कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित करती आ रही है। इसी के मद्देनजर अन्य साधकों के साथ प्रीति ‘अज्ञात’ का चयन भी इस पुरस्कार के लिए किया गया। ज्ञातव्य हो कि प्रीति जी वर्षों से साहित्य साधना के अलावा, सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं एवं बीते एक दशक से भी अधिक समय से वे छोटे बच्चों एवं वृद्धाश्रम के लिए अपनी सेवाएँ दे रहीं हैं।
‘हस्ताक्षर टीम’ की तरफ से उन्हें कोटिश: बधाईयाँ! जब प्रीति ‘अज्ञात’ से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि “मैंने देश के लिए क्या किया, कब किया, क्यों किया, कितनों ने सराहा और कितने इसे अवैतनिक या मूर्खतापूर्ण कार्य कह खिल्ली उड़ाकर हतोत्साहित करते रहे; इन सब बातों के कोई मायने नहीं! गर सुकून है कहीं तो वो यही पल है जिसकी 20 मार्च को मैं साक्षी बनी। अन्य कार्यक्रमों से इतर एक जोशीला अंदाज़, जिसने एक बार फिर मातृभूमि के लिए हृदय गौरव से भर दिया। मैं जो भी कर रही हूँ, तो इसलिए कि यह मुझे अच्छा लगता है। मैं पुरस्कार के उद्देश्य से काम नहीं करती पर हाँ, पुरस्कार एक स्वीकृति अवश्य है, कि हम ठीक ठाक जी रहे हैं। आजकल सहमति मिलना भी बहुत बड़ी बात है। इसके लिए मैं हर उस शख़्स को धन्यवाद देना चाहूँगी, जिसने मुझे प्रेरित किया और उनका भी जो हतोत्साहित करते रहे क्योंकि उन्होंने मुझमें जिद पैदा की, खुद को और बेहतर साबित करने की!”
– के. पी. अनमोल