ख़बरनामा
प्रतिष्ठित साहित्यिक विभूतियों के साथ प्रीति ‘अज्ञात’ और अतुल श्रीवास्तव, थाईलैंड में पुरस्कृत (परिकल्पना सम्मान 2015)
नई दिल्ली, लखनऊ, काठमांडू, थिम्पू और कोलम्बो के बाद परिकल्पना का छठवाँ अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन थाईलैंड (पटाया और बैंकॉक) में 17-21 जनवरी 2016 को संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में देश के दो ब्लॉगरों प्रीति ‘अज्ञात’ (अहमदाबाद, गुजरात) और अतुल श्रीवास्तव (राजनांदगांव,छत्तीसगढ़) को सम्मानित किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में प्रीति को ‘परिकल्पना साहित्य सम्मान’ और अतुल को ‘परिकल्पना ब्लॉग सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
प्रीति ‘अज्ञात’ एक यशस्वी लेखिका और ‘हस्ताक्षर’ वेब पत्रिका की संस्थापक व सम्पादिका हैं। उनकी इस उपलब्धि पर टीम हस्ताक्षर की तरफ़ से उन्हें कोटि-कोटि बधाई! ये स्कूल के दिनों से ही लेखन-कार्य में रूचि लेती रहीं हैं। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके आलेख व कविताएँ प्रकाशित हो चुके हैं। उनके दोनों ब्लॉग्स ‘यूँ होता…तो क्या होता!’ और ‘ख़्वाहिशों के बादलों की…कुछ अनकही, कुछ अनसुनी’ पर वे नियमित रूप से लिख रही हैं। स्वभाव से अत्यधिक भावुक एवं विनम्र प्रीति ‘अज्ञात’ की लेखनी, संवेदनशील कविताओं के अलावा, सामाजिक एवं ज्वलंत मुद्दों पर भी बेबाक़ी और साहस से चलती रही है। पिछले तेरह वर्षों से इनकी पहचान एक लेखिका, ब्लॉगर के साथ-साथ, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रीति ‘अज्ञात’ ने ‘साहित्य की समृद्धि में महिलाओं की भूमिका’ पर अपना आलेख वाचन भी प्रस्तुत किया।
अतुल श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव जिले में पत्रिका अखबार के पत्रकार हैं। इन्हें पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में कार्य का अनुभव है। देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके लेख प्रकाशित होते हैं। अतुल जी पिछले छह वर्षों से ब्लॉग के माध्यम से लोगों के बीच हैं। उनका ब्लॉग ‘सत्यमेव जयते…!(?)’ खासा चर्चित है। कविताएँ और कहानियाँ लिखना उनका शौक़ है। राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर ये शानदार लिखते हैं। छत्तीसगढ़, वहाँ की नक्सलवादी गतिविधियों तथा सामाजिक व्यवस्थाओं पर प्रहार करते हुए लेखों पर आधारित इनकी पुस्तक ‘फ्रंट पेज’ का विमोचन भी इस कार्यक्रम का आकर्षण केंद्र रहे। ज्ञातव्य हो, वर्ष 2004 में अतुल जी की छत्तीगसढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर लिखी खबरों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘मेरी स्याही में डॉ. रमन’ प्रकाशित हो चुकी है।
इसके अलावा लेखन की दुनिया से जुड़े कई लोगों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। आयोजन समिति से जुड़े रविन्द्र प्रभात जी के अनुसार लखनऊ से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका, ‘परिकल्पना समय’ और सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था, ‘परिकल्पना’ संयुक्त रूप से यह आयोजन करती है। 19 जनवरी को थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक के सीजन स्याम सभागार में चार सत्रों में सम्मेलन का मुख्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्रथम उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उ0प्र0 शासन के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे थे। अध्यक्षता श्री रवीन्द्र प्रभात ने की, विशिष्ट अतिथि रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाक्सिंग कोच श्री एस0एन0 मिश्र तथा अवध ज्योति के सम्पादक डा0 राम बहादुर मिश्र। इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह, आलेख वाचन, चर्चा-परिचर्चा में देश-विदेश के अनेक साहित्यकार, चिट्ठाकार, पत्रकार, संस्कृतिकर्मी, हिंदी प्रचारकों व समीक्षकों की उपस्थिति सराहनीय रही। परिकल्पना, पिछले पांच वर्षों से ऐसी विभूतियों को सम्मानित कर रही है जो ब्लॉग लेखन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कला, साहित्य, समाज और संस्कृति के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।
‘हस्ताक्षर’ की ओर से अतुल श्रीवास्तव और प्रीति ‘अज्ञात’ को अशेष शुभकामनाएँ!
संपर्क: preetiagyaat@gmail.com, aattuullss@gmail.com
– के. पी. अनमोल