ले
आया
सावन
चितवन
सुखद क्षण
बांवार पवन
सुरभीत आँगन
हाँ
आया
सावन
झूला झूले
सखियों संग
मन में उमंग
रचे हाथ मेहंदी
हाँ
करे
स्मरण
भक्त जन
आया श्रावण
ऊँ नमः शिवाय
मास यह पावन
हाँ
करो
स्मरण
शिव नाम
माह श्रावण
चढा बिल्वपत्र
जा उनके शरण
है
रक्षा
कर्तव्य
अभिमान
रक्त संबंध
सुगंधित गर्व
रक्षा बंधन पर्व
है
स्नेह
चंदन
मधुबन
भाई बहन
बांध रक्षा धागा
रहना सदा सगा
– डॉ. अम्बुजा मलखेडकर