ख़बरनामा
एक शाम कौमी एकता के नाम
कस्बा पाली, हरदोई (उ.प्र.) की सरज़मीं पर पहली बार मुशायरा/कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ। जिसमें कस्बा पाली के मशहूर शायरों के साथ ही नए शायरों को भी काव्य-पाठ का मौका मिला। पुराने शायरों से जहाँ इस महफ़िल का खूबसूरत आग़ाज़ हुआ, वहीं नए शायरों के जोश-ओ-ख़रोश से महफ़िल झूम उठी। शोअरा ने नातिया कलाम, हम्द से शुरुआत करके हिंदू-मुस्लिम एकता, देशभक्ति, माँ की ममता के साथ-साथ इश्क़ मिज़ाजी के शेर, ग़ज़ल, कविता, गीत पेश किए। साथ ही कुछ शायरों ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के ज़रिए समाज की विसंगतियों को उजागर किया। शोअरा शब्बू मालिक ‘शादाब’, हाफिज़ अब्दुल रशीद, मुन्ना वारिसी, डॉ. मालिक अस्मत अली, आज़र ख़ान ‘सूरज’, कलीम ख़ान ‘तल्हा’, अब्बास ख़ान ‘राजा’, मालिक मोहतिशिम ‘भारत’, फैजान ख़ान ‘साबरी’, ज़ाहिद ख़ान ने महफ़िल में शमा को बाँधे रखा। निज़ामत के तौर पर शादाब हुसैन ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, उन्होंने हर एक शायर की अपने अल्फ़ाज़ में इज़्ज़त अफज़ाई की। मुशायरे की सदारत कर रहे हमारे उस्ताद, पथ प्रदर्शक अहमद हुसैन सर ने आख़िरी लम्हों में हर एक शायर की काबिलियत पर नाज़ करते हुए पूरे मुशायरे का निचोड़ पेश किया। आयोजकों मसूद ख़ान, अब्बास ख़ान, शादाब हुसैन, कवि ख़ान आदि ने अच्छे इंतज़ामात कर सफ़ल आयोजन की नींव रखी।
– आज़र ख़ान