आवरण
सोहम मुखर्जी वन्यजीव सलाहकार हैं। 2003 से 2008 तक अहमदाबाद स्थित पशु सहायता फाउंडेशन (Animal Help Foundation) नामक स्वयंसेवी संस्था में एक वन्यजीवन पुनर्वासक (rehabilitator) के रूप में काम किया, जो मुख्यतः देशी सरीसृप, पक्षियों और छोटे स्तनधारियों के पुनर्वसन के लिए काम करती है। उन्होंने अपनी पत्नी आकांक्षा के साथ मिलकर वन्यजीव की देशी प्रजातियों के पुनर्वास के लिए मानक दिशानिर्देशों पर काम किया। बाद में उन्होंने 2008 से 2010 तक चेन्नई स्थित मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट (सेंटर फॉर हर्पेटॉलॉजी) नामक स्वयंसेवी संस्था में सहायक क्यूरेटर के रूप में काम किया। यह केंद्र मगरमच्छ की लुप्तप्राय हो रही प्रजातियों के संरक्षण/प्रजनन के लिए जाना जाता है। उन्होंने मगरमच्छ, घड़ियाल,कछुआ, और साँपों के लिए संवर्धन और व्यवहार प्रशिक्षण कार्यक्रम भी विकसित किए।
2011 में उन्होंने द जैरी मार्टिन प्रोजेक्ट के तहत कई जीव विज्ञान और हर्पेटोलोजी की क्षेत्रीय कार्यशालाएं कीं और वे जहर अनुसंधान (venom research ) के लिए क्षेत्रीय अभियान का हिस्सा थे। 2012 और 2014 के बीच उन्होंने लास वेगास स्थित स्वयंसेवी संस्था ‘Humane Society International’ के लिए सलाहकार के रूप में काम किया। उनके अंतर्गत दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया की संरक्षण परियोजनाओं के लिए और पशु प्रबंधन में प्रशिक्षण कर्मियों के लिए परामर्शदाता का काम किया। 2015 में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में घड़ियाल परिस्थितिकी परियोजना (Gharial Ecology Project) के लिए कार्य किया।
वर्तमान में भारत भर में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण कार्य में और इंडोनेशिया, मैक्सिको और कोलम्बिया देशों में क्षेत्रीय परियोजनाओं के लिए एक सरीसृप विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। साथ ही गुजरात में मानव-मगरमच्छ संघर्ष निवारण और सर्पदंश की शमन परियोजनाओं का नेतृत्व करते हैं।
– सोहम मुखर्जी