हाइकू
कोरोना काल के हाइकू
वो झेल रही
सैल्फ़ कोरेंटाइन
कोरोना काल।
जीवन शैली
कोरोना ने बदली
करो स्वीकार।
लाॅकडाउन
झेलते परिवार
अकेलापन।
लड़ते युद्ध
कोरोना वारियर्स
डॉक्टर-नर्स।
लापरवाही
ग्रस लेगा कोविड
प्रिय बिछोह।
इंसान हैरां
ठप्प हैं कामकाज
रोटी के लाले।
अकाल मृत्यु
करोना सौदागर
बाहर न जा।
सौ साल बाद
महामारी वैश्विक
हो जागरुक।
अश्रुपूरित
नेत्रों से दी विदाई
कोविड हंता।
मानव बंद
प्रकृति लिखे छंद
परिंदे बांचें।
– विभा रश्मि
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