कर्मभूमि-अहमदाबाद
‘कर्मभूमि, अहमदाबाद’ द्वारा दोलन राय के काव्य संग्रह ‘शतरूपा’ का विमोचन
दिनांक 24 नवम्बर 2020 को साहित्य, कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्था ‘कर्मभूमि, अहमदाबाद’ द्वारा दोलन राय के काव्य संग्रह ‘शतरूपा’ का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, औरंगाबाद के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं शोध निर्देशक प्रो(डॉ) गुरूदत्त जी राजपूत एवं सुरेन्द्रनगर (गुजरात) से गुजराती- हिन्दी साहित्यकार तथा विश्वगाथा (हिन्दी साहित्य की त्रैमासिक प्रिंट पत्रिका) के संपादक पंकज त्रिवेदी जी की गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई। दोलन रॉय ने इस पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर बात की। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण कविताओं का पाठ भी किया।
पुस्तक पर संवाद करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि “शतरूपा काव्य संग्रह के बहाने दोलन राय ने स्त्री के सौंदर्य पर मुग्ध रहने वाले संसार को उसके मूल सौंदर्य जो अंतर्मन है, उसका दीदार कराया। उसके मन-मस्तिष्क के मनोवैज्ञानिकता के आयामों को जो सदियों से अनछूए थे, उन भावनाओं शब्दों में चित्रित किया है। पीड़ाओं के रूखे सिंधु प्रवाह को बहने का रास्ता देने का यत्न किया है। पौराणिक स्त्री चरित्रों को वर्तमान में आरोपित किया है। इस पुस्तक को पढ़ने से पूर्व पुरूष अपने अहं को त्यागकर तटस्थता से रचना को पढ़ें, सोचे तो न्याय संभव है।”
पंकज त्रिवेदी जी ने संक्षिप्त टिप्पणी देते हुए कहा कि “दोलन राय की छंदमुक्त कविताओं का संग्रह ‘शतरूपा’ रामायण, महाभारत, वेदकालीन विदुषी नारियों पर एक अलग ही दृष्टिकोण से लिखी कविताओं के माध्यम से, सशक्त अभिव्यक्ति है। कवयित्री ने इसमें वर्त्तमान और पौराणिक स्त्री के मनोविज्ञान को भी उजागर किया है। स्त्री हमेशा पुरुष पर ही आधारित रहें इस मान्यता या परंपरा से उठकर स्त्री को अपनी शक्ति का परिचय करवाती हुई रचनाएँ हैं।”
कार्यक्रम में कर्मभूमि की संस्थापिका द्वय प्रीति ‘अज्ञात’ और नीरजा भटनागर के साथ टीम के महत्वपूर्ण सदस्य प्रणव भारती, मधु सोसि, मीना बुद्धिराजा, मल्लिका मुखर्जी, नीता व्यास, लीना खेरिया उपस्थित थे। कोविड महामारी के चलते यह विमोचन ऑनलाइन संपन्न हुआ जिसमें साहित्य जगत से जुड़ी कई अन्य हस्तियाँ भी शामिल हुईं।
– कर्मभूमि अहमदाबाद