ख़बरनामा
ओटावा में विश्व हिन्दी दिवस
कनाडा की राजधानी ओटावा में विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर बोलते हुए सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं भारत के उच्चायुक्त श्री विकास स्वरूप ने कहा कि लोकतत्व से जुड़कर ही कोई भाषा विश्वभाषा बन सकती है। यह सरकारी अध्यादेशों से तो संभव नहीं है। हिन्दी राष्ट्रभाषा, राजभाषा एवं संपर्क भाषा के सोपानों से होते हुए अब विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कनाडा में हिन्दी के बढ़ते हुए वर्चस्व के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की।
इस अवसर पर शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित श्री धर्मपाल महेन्द्र जैन के काव्य संकलन ‘इस समय तक’ का विमोचन किया गया। श्री संतोष के सुमधुर गीतों की प्रस्तुति के साथ सर्व श्री जगमोहन हुमड़, धर्म जैन, सरन घई, अखिल भंडारी, गोपाल बघेल, संदीप त्यागी, सुश्री रश्मि, मीना चोपड़ा, डॉ. शैलजा सक्सेना, कृष्णा वर्मा, डॉ. साधना जोशी, भुवनेश्वरी पांडे, सविता अग्रवाल आदि कवियों के रचना पाठ ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। हिन्दी मंच कनाडा के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र भारती ने इस उत्सव का सफल संचालन करते हुए अपने हास-परिहास से श्रोताओं को बाँधे रखा।
(सौजन्य: धर्मपाल महेन्द्र जैन)
**************************************
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान का 29 वां वार्षिक समारोह आयोजित
दिनांक 17 फरवरी को ‘राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान’ का 29 वां वार्षिक समारोह कनोडिया कॉलेज के तत्वाधान में 17 फरवरी को कॉलेज सभागार में प्रोफेसर डॉ. सुदेश बत्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सह सचिव रेनू शर्मा ने बताया कि इस सम्मान समारोह का शुभारंभ अक्षिणी
भटनागर के सरस्वती वंदना गायन के साथ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
संस्थान की अध्यक्ष डॉ. जयश्री शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए आज के दिन को विशेष बताया व पुलवामा में शहीद हुए हमारे सैनिक बंधुओं के लिए निःशब्द होते हुए 2 मिनट मौन रखवाया। अध्यक्ष प्रोफेसर सुदेश बत्रा जी (साहित्य साधिका एवं प्रमुख शिक्षविद) मुख्य अतिथि प्रमुख साहित्यकार एवं वेलफेयर सोसायटी अलवर की अध्यक्ष एडवोकेट श्री राजश्री अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. महेंद्र सुराणा पूर्व (IAS) के साथ डॉ. जयश्री शर्मा, सुधीर उपाध्याय, डॉ. रेखा गुप्ता, डॉ. सुषमा शर्मा व रेनू शब्दमुखर ने वागमणि सम्मान से क्षमा चतुर्वेदी कोटा को, कर्मश्री सम्मान से जयपुर निवासी स्नेहप्रभा परनामी को, वेणु सम्मान से शशि मंगल, बेंगलोर को, श्रीमती नलिनी उपाध्याय स्मृति सम्मान से माधुरी शास्त्री जी जयपुर को तथा श्रीमती सुमन मेहरोत्रा सम्मान से राज चतुर्वेदी जी को श्रीफल, शॉल, स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर सभी सम्मानित साहित्यकारों ने अपने आपको गौरवान्वित बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष श्री सुदेश बत्रा जी ने नारी शक्ति, परिवार, भाषा और साहित्य आदि विभिन्न सामाजिक सामाजिक मुद्दों पर विचार करते हुए प्रेरणादायी उद्बोधन दिया। मुख्य अतिथि राजश्री अग्रवाल ने एडवोकेट होने के नाते चिंताजनक सामाजिक परिस्थितियों का विश्लेषण किया व उम्मीद जतायी कि साहित्यकार समाज को अपने कार्य से एक नई दिशा देंगे। विशिष्ट अतिथि महेंद्र सुराणा सही साहित्य सृजन की प्रेरणा देते हुए हम सभी को आज की आवश्यकता हिन्दी भाषा को संरक्षित करने की है, बताया।
अंत में संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ. रेखा गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ. धर्मा यादव व रेनू शब्दमुखर ने किया।
(सौजन्य- रेनू शर्मा शब्दमुखर, सह सचिव राज. लेखिका साहित्य संस्थान)
**************************************
‘हिन्दी भूषण श्री’ पुरस्कार डाॅ. पुनीता जैन को
के. बी. हिन्दी साहित्य समिति, बिसौली, ज़िला- बदाँयू (उ.प्र.) की ओर से 18 दिसम्बर 2018 को सुदामा देवी इन्टर काॅलेज, बिसौली में आयोजित वार्षिक प्रतिष्ठित आयोजन ‘अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मान समारोह 2018’ में डाॅ. पुनीता जैन (भोपाल) को उनकी शोध पुस्तक ‘पंडित विद्यानिवास मिश्र और उनके ललित निबंध’ के लिए वर्ष 2018 का ‘बांकेलाल शर्मा स्मृति हिन्दी भूषण श्री’ कृति पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह की अध्यक्षता जनपद के प्रमुख समाजसेवी श्री आलोक खुराना ने की। समारोह का साहित्यिक संचालन डाॅ. नितिन सेठी (बरेली) ने किया। समारोह का शुभारंभ समिति के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ. सतीशचन्द्र शर्मा ‘सुधांशु’ द्वारा किया गया। समारोह में अन्य सम्मानित साहित्यकार, रचनाकार एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
(सौजन्य: ठाकुर प्रसाद चौबे, दिल्ली)
**************************************
श्रीगंगानगर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन
महाराजा गंगासिंह की धरती और सम्पूर्ण राजस्थान के लिए ‘धान का कटोरा’ कहे जाने वाले श्रीगंगानगर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। 19 से 23 जनवरी 2019 तक चलने वाले इस पाँच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में कई देशों से आई फिल्मों ने अपनी आहुतियाँ डाली। करीबन 38 देशों की प्रतिभागिता वाली 60 से अधिक छोटी-बड़ी फिल्मों की स्क्रीनिंग सफलतापूर्वक हुई। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के चेयरमैन द्वारा इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम के आरम्भ की घोषणा के साथ ही सिलसिला शुरु हुआ चित्र प्रदर्शनी का, फिल्मों का, बैठकों का, वर्कशॉप का और समाप्ति पर रंगारंग कार्यक्रम के साथ पुरस्कार वितरण समरोह हुआ।
फिल्मों की बात की जाए तो ओपनिंग फिल्म ‘चम्म’ जो पंजाबी भाषा में स्क्रीन की गई, ने दर्शकों को खूब बाँध कर रखा और जरूरी संदेश देने के साथ-साथ रसों का भी पूर्ण परिपाक उनके भीतर किया। इसके अलावा प्रयोगधर्मी सिनेमा के नाम पर ‘मीचक समारोह’ ने लोगों के जेहन पर दबाव डाला और कलात्मक एवं बुद्धिमान लोगों के नाम यह फ़िल्म रही। ‘चम्म’ , ‘मीचक समारोह’, ‘स्प्रिंग थंडर’, ‘माह-ए-मीर’ , ‘कसाई’ , ‘पूया’, ‘किल्स ऑन व्हील्स’ , ‘बाजार’ ‘महाकुम्भ’, अंदरकाहिनी’ , ‘हवाई’ जैसी फ़िल्में किसी भी फ़िल्म समारोह की शान होती हैं।
श्रीगंगानगर इंटरनेशनल फ़िल्म समारोह के आयोजक और फाउंडर इरा टाक , सुभाष सिंगाठिया एवं दुष्यंत कुमार की अगुवाई में पाँच दिन के इस कार्यक्रम में कई अतिथि मेहमान बने। पुरस्कारों में फीचर फ़िल्म के तहत फिल्म हवाई में शानदार अभिनय प्रदर्शन के लिए प्रियंका सरकार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री एवं आंद्रे फ्लोरेंस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता से नवाजा गया। लघु फिल्म की श्रेणी में फिनलैंड की ‘एन ऑटोबायोग्राफी’ सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म चुनी गई। श्री गंगानगर में सिनेमा क्ष्रेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष रूप से ‘हिजरत’ फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म एवं फिल्म के निर्माता, निर्देशक गुरमीत बराड़ को बेस्ट डायरेक्टर का इनाम दिया गया। श्री गंगानगर राजस्थान का यह क्ष्रेत्र विश्व प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक ‘जगजीत सिंह’, प्रथम एवरेस्ट पर्वतारोही ‘कर्नल अवतार सिंह चीमा’ आदि के कारण भी जाना जाता है। पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से एकदम सटा यह क्ष्रेत्र अपने खान-पान, मौज-मस्ती और फलों में सबसे मीठा ‘माल्टा’ (संतरे जैसा किन्तु उससे आकार में दोगुना-तीन-गुना) के कारण भी प्रख्यात है।
(सौजन्य: तेजस पूनिया)
– टीम हस्ताक्षर