बाल कविताएँ
एक नई शुरुआत करें
आओ हम मिलजुल कर सारे, एक नई शुरुआत करें
प्रेम से देखें इक दूजे को, मुस्काकर के बात करें
भेदभाव, जाति, भाषा के, दानव पर आघात करें
मेलजोल से रिश्ते जोड़ें, प्रेम भरी बरसात करें
दुःख में सबका साथ निभाएँ, खुशियों की सौगात करें
उत्सव में हम धूम मचाएँ, जल्सों की बारात करें
बुझे दिलों में दीप जलाएँ, रोशन सब जज़्बात करें
खोजें चंदा अंधियारे में, पूनम की फिर रात करें
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प्रेम के सुंदर फूल खिलाना
एक एक मिल ग्यारह कर लें, ख़ुशियों से हम झोली भर लें
नेह-प्यार के भाव जगाएँ, मुट्ठी में जग सारा कर लें
अहम, ईर्ष्या दूर भगा दें, कड़वाहट के बोल भुला दें
प्यार मोहब्बत सजे दिलों में, ऐसी कोई रीत चला दें
दौलत का अभिमान करें ना, ऊँच-नीच की बातें छोड़ें
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर में, इन्सां को इन्सां से जोड़ें
दिखे अगर जो कोई रोता, वापिस उसको ख़ुशियाँ ला दें
जादू की इक झप्पी ले लें, मन की पीड़ा दूर भगा दें
जीवन है अनमोल रे साथी, हाथ पकड़ आगे बढ़ जाना
बैर भाव के झाड़ काटकर, प्रेम के सुंदर फूल खिलाना
– रोचिका शर्मा