हायकु
1. विद्दोती विधु
श्वेत वितान टाँगे
हिम की विभा
2. प्रिय विछोह
म्लान सूरजमुखी
जीवन संध्या
3. तानती सुर
बेखौफ़ हवा तुंडी
बजाती कुण्डी
4. जिगीषु दूर्वा
अज हरा हँसती
शांति से खड़ी
5. जिन्दगी मिले
शब्द छवि बनते
कूंची उड़ान
6. ध्वंस-उत्थान
काँपते भ्रष्ट संघ
श्लाघ्य कलम
7. जी भू ने पाई
जीवी कनकाँजुरी
जीवद रवि
8. शून्य का अंत
सशक्त स्वालम्बन
स्त्री–अंक भेंट
9. स्वेद मिठास
बालियाँ ड्योढ़ी आये
उसर धरा
10. तुर्या निशीथ
तम-भय मिटाए
तमारि रश्मि
– विभा रानी श्रीवास्तव