ख़बरनामा
अनोखा अंतरराष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन
सम्बन्धों की परिभाषा से परे नेपाल-भारत के अन्त: सम्बन्ध की अक्षुण्णता को निरंतरता देने के लिए ‘हम सब साथ-साथ’ छठा सोशल मीडिया मैत्री सम्मान समारोह तथा अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन नेपाल-भारत मैत्री विराङ्गना फाउंडेशन काठमाडौ एवं भारतीय राजदूतावास काठमाडौ के संयुक्त तत्वाधान में श्री किशोर श्रीवास्तव व श्रीमती प्रभासिंह के कुशल निर्देशन व उम्दा संयोजन में आयोजित कार्यक्रम जनकपुर में सुखद वातावरण में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
प्रथम सत्र में श्री किशोर श्रीवास्तव व श्री गोवर्धन चौमाल द्वारा भारत के कोने-कोने से विभिन्न विधाओं के प्रतिभागियों का परिचय करवाते हुए उन्हें प्रतिभागी का बैच पहनाकर और भाईचारे का दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया।
दोनों देशों के राष्ट्रगान और कार्यक्रम का टाईटल सांग ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैग़ाम हमारा’ किशोर श्रीवास्तव, अंजलि पटेल, जया श्रीवास्तव के सुमधुर कंठ के साथ ही हर प्रतिभागी भी गा रहा था। उसके पश्चात कार्यक्रम से जुड़े नेपाल व राजदूतावास के विशेष अतिथियों को मंचासीन कर दीप प्रज्ज्वलन कर उनके सम्मान व उद्बोधन से कार्यक्रम का विधिवत शुभांरभ हुआ।
दोनों देशों के बीच प्रागेतिहासिक काल से अटूट अजर-अमर सम्बन्ध में सौहार्द्रता, सदाशयता तथा स्नेहिल वातावरण में दो दिवसीय अर्थात 30-31 मार्च 2018 को जनकपुर स्थित यात्री निवास के प्रांगण में सम्पन्नता में सभी का सकारात्मक एवं प्रशंसनीय योगदान रहा।
उक्त कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के प्रमुख अतिथि प्रदेश नं. 2 के माननीय मंत्री जितेंद्र सोनल, माननीय मंत्री ज्ञानेंद्र यादव तथा विशिष्ट अतिथि डी. सी.एम, भारतीय राजदूतावास काठमाडौ के डॉ. अजय कुमार, महावाणिज्य दूतावास, वीरगंज के वी.सी.प्रधान, वृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद के ई.शालिग्राम सिंह, नेपाल भारत मैत्री संघ, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सिंधी, नेपाल-भारत ग्रन्थालय के महेशचन्द्र शर्मा एवं अतिथि राजेश्वर नेपाली, राष्ट्रीय जनता पार्टी प्रवक्ता रामभरोसे कापड़ी, सवैला मेयर विजय शंकर प्रसाद साह, जनकपुर उपमहानगरपालिका की उपमेयर रेणु झा, शत्रुघन कुँवर, जितेंद्र कुमार, सीताराम अग्रहरी आदि उपस्थित थे।
मंच पर कुछ वरिष्ट साहित्यकारों की भी उपस्थिति होती तो साहित्य के इतिहास को गौरवान्वित करती।
शशि श्रीवास्तव की बाल पुस्तक ‘नन्हें क़दम ऊंची उड़ान’ का विमोचन, ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका और संदीप तोमर की पुस्तक ‘अपाहिज की आत्मकथा’ का लोकार्पण हुआ।
दूसरा सत्र था ‘सोशल मीडिया से मिले खट्टे-मीठे अनुभव’, चयनित प्रतिभागियों ने अपने-अपने अनुभव सुनाए।
मध्याह्न भोजन के बाद आनन्दित पल थे। मस्ती से भरा संचालन किया, संयोजक श्री किशोर श्रीवास्तव जी। किसी हिस्से को नहीं छोड़ा गया था। जिम्नास्टिक, मयूरी डांस, भरतनाट्यम, गीत-संगीत, बाँसुरी, तबला, हारमोनियम वादन रोचक मनोरंजक समुंदर में हम डूब उतरा रहे थे। निशांत के बाद भी हम नहीं ऊबते लेकिन समय सीमा के अनुशासन ने हमें ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ में ले आया। नेपाल-भारत से चयनित कवियों ने एक से एक कविता-रस में हमें भिगोकर रोमांचित किया। अनुशासन के मामले में सख्त मंच संचालन हो रहा था। पर ने मंच संचालक ने थोड़ी ढ़ील स्व को दे डाली।
नींद के आग़ोश में आयोजक और प्रतिभागी आ गए और प्रथम दिन का अवसान हुआ यानी 30 मार्च 2018 खत्म हुआ।
31 मार्च 2018 द्वितीय दिवस कार्यक्रम अल्पाहार के बाद ‘बेटियों के दशा-दिशा’ पर ‘खुला मंच’ परिचर्चा हुई। समय सीमा का बंधन होने से बहुत से प्रतिभागियों के दिल का दर्द बह नहीं सका। पर जितने प्रतिभागी बोले बहुत अच्छा बोले।
‘बहुभाषीय कवि सम्मेलन’ आंचलिक क्षेत्रीय भाषा में कविता सुनना। आलौकिकानुभूति, मानों मिट्टी की सुगंध हृदय में सुवासित होती गई। मध्याह्न भोजन के बाद चयनित प्रतिभागी और सहयोगकर्त्ताओं को प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उसके बाद ग्रुप फ़ोटोग्राफ हुआ। किशोर श्रीवास्तव, अंजलि पटेल, जया श्रीवास्तव के सुमधुर कंठ के साथ ही हर प्रतिभागी भी यही गा रहा था ‘ज़िन्दगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा’। ऐसे अनूठे महाआयोजन के आनन्द का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता।
सीतामढ़ी व जनकपुर में माँ जानकी और काठमांडु में बाबा पशुपतिनाथ जैसे अनेकों प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करने से प्रतिभागियों की यह यात्रा साहित्यिक, सांस्कृतिक व धार्मिक बनी साथ ही नेपाल की प्राकृतिक और मनमोहक वादियों, पर्वत श्रृंखलाओं ने इस यात्रा को यादगार बना दिया। इस आयोजन ने हर एक प्रतिभागी के दिल पर एक अमिट छाप छोड़ी, जिसे वह वर्षो-वर्ष नहीं भूल पायेगा।
सभी भारतीय और नेपाली प्रतिभागियों ने जिस तरह से एकजुटता दिखाकर और अपनी कला के उत्कृष्ट प्रदर्शन से जनकपुर, नेपाल में एक इतिहास रचकर छठे ‘हम सब साथ साथ सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन, 2018’ को एक बेहतर मुकाम तक पहुँचाया उसके लिए वीरांगना फाउंडेशन, भारत नेपाल मैत्री संघ, भारतीय राजदूतावास और मुख्य संयोजक, रानी झाँसी अखबार की संपादक श्रीमती प्रभा सिंह और ‘हम सब साथ साथ एवं अन्य भारतीय संस्थाओं का तहे दिल से शुक्रिया’ और सभी सदा आभारी रहेंगे किशोर श्रीवास्तव और शशि श्रीवास्तव का तहे दिल से शुक्रिया। इस सम्मेलन को यादगार बनाने में श्रीमती अर्चना सक्सेना के नेतृत्व में पधारी लखनऊ के बच्चों की टीम के अभूलनीय उत्कृष्ट प्रदर्शन को हम सदा याद रखेंगे। निश्चय ही उनके होने से ही यह आयोजन और अधिक ऊंचाई छू सका। अन्य दूर दराज़ से शामिल साहित्यकारों, गायकों, नृत्यकारों और समाज सेवियों के अत्यंत सराहनीय प्रदर्शन और योगदान को भी हम कभी भी न भुला पाएंगे।
सर्वश्री गोवर्धन चौमाल, आशा शर्मा, राजकुमार जैन राजन, सुभाष चन्दर, इरफ़ान राही, सुरेन्द्र राजपूत, विभा रानी श्रीवास्तव, उमाशंकर मिश्र, श्री शत्रुघन कुंवर और शिव सौरभ कुंवर के सहयोग के प्रति भी बहुत आभार। साथ ही जिन पेरेंट्स और घर वालों के सहयोग से प्रतिभागीगण इस अनूठे कार्यक्रम का हिस्सा बनकर इसे और अनूठा बनाया उनका भी तहे दिल से शुक्रिया। उम्मीद है हम आगे भी मैत्री भाईचारे की यह मशाल यूँ ही जलाये रखेंगे और इसे अगले सम्मेलनों के ज़रिये और प्रगाढ़ करेंगे।
– विभा रानी श्रीवास्तव