दुर्योधन और दुःशासन का बोलबाला मगर कृष्ण नदारद!
बेटियों को सब पर संदेह करना सिखाओ। उन्हें हथियार चलाना सिखाओ और आवश्यकता पड़ने पर उसका तुरंत उपयोग करना भी। आती-जाती सरकारों ने आज तक कुछ नहीं किया, आप उनके भरोसे न रहें! अपनी रक्षा आप करें! पुरुष मानसिकता में सुधार आने की सोच रखना एक भ्रम है, जिसे हम और आप वर्षों से पाल रहे हैं। कुछ पुरुषों के अच्छे हो जाने भर से कोई परिणाम नहीं आ सकता जब तक कि अपराध के विरोध में जनता के स्वर मुखर न हो! होने के बाद तो सब आन्दोलन करते हैं लेकिन किसी भी तरह के अपराध को सामने होते देख, बचकर निकल जाना; हमारे समाज की ये चुप्पी भी कम घातक नहीं। इसी बात से तो अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। जब ....