स्वतंत्रता की नई सुबह
पाँच अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे के तहत मिली स्वायत्तता को ख़त्म करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में भी बाँट दिया गया। इससे विश्व भर को यह सन्देश भी पहुँचा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। सरकार का यह साहसिक क़दम अत्यंत प्रशंसनीय है यद्यपि इसके तरीक़े पर खुली बहस अब तक जारी है।
यूँ तो बीते सात दशकों से कश्मीरी हमारे इस विशाल परिवार भारत का कानूनन हिस्सा रहे हैं। 370 के द्वारा, इसमें बीच की जो एक अनावश्यक दीवार थी, वह तोड़ दी गई है। अब एक-दूसरे के घरों में ....