केवल समय ही आगे नहीं बढ़ता बल्कि उसके साथ-साथ हम सब भी मीलों दूरियाँ तय करते चलते हैं। जीवन के सारे सिरे कुछ इस तरह से खुले पर, आपस में बिंधे भी होते हैं कि उन्हें सुलझाने में आधी से भी अधिक उम्र बीत जाती है और पता भी नहीं चलता! मुड़कर देखो तो हैरत होती है कि जिस बिंदु से चलना प्रारम्भ किया था, वह अब एक पक्की सड़क का रूप लेता जा रहा है।
वे लोग अत्यधिक भाग्यशाली हैं जिन्हें विरासत में सब कुछ परोसा हुआ नहीं मिलता क्योंकि स्वयं अर्जित किये हुए मान-सम्मान, भौतिक सुख-सुविधाओं की क़ीमत और क़द्र इन्हीं परिस्थितियों में अधिक समझ आती है। वस्तुतः होती भी है।
वे जिन्हें एक ही झटके में ....